मृत्यु जिंदगी के स्पर्श का है आभाष
या सच के अंतिम सूत्र का कोई प्रयास
जिंदगी नहीं तो मृत्यु नहीं
मृत्यु ही जीवन का आधार
जीवन तभी है सही साकार
🦍🦍🦍
अस्तित्व से निकास है जिंदगी का
मृत्यु ही प्रथम सारांश है जिंदगी का
बचा हिसाब है हर जन्म के कर्मफल का
🦌🦌🦌
सांसो की डोर से बंधी है काया
लिपटी ऊपरी परत है मोह माया
चमड़ी के घर को कितना ही सजाले
पर उससे पहले इसकी क्षुद्रता भांपले
🐵🐵🐵
जिसे हम कहते ये तेरा वो मेरा
वो ही तो गहन जीवन का अंधेरा
तय क्षण से अजनबी रिश्ता हमारा
सदा साथ रहेगा बन कर उजियारा
🦊🦊🦊
सही यही होगा जो मिलते क्षण
वही हमारी धरोहर वही स्वर्ण कण
बाकी की चाभी रख ले कितनी ही पास
कभी नहीं होगा हमारा बिन सांस की आस
🐏🐏🐏
आज जिन्हें हम अपना कहते
इस जन्म में श्मशान तक रहते
उससे आगे की यात्रा कर्म करते
आत्मा की मंजिल वो ही तय करते
📿📿📿
रचियता✍️ कमल भंसाली