हाँ, मै हिंदुस्थानी प्रहरी
मेरी आत्मा और दिल भी
है, हिंदुस्थानी
दिल में हिन्द धड़कता
आत्मा से उसीके छंद रचता
पूर्ण विश्वास
उन्हीं पर करता
जो देश पर मरता
जिनके बलबूते पर
आज विश्व में
भारत का झंडा
लहर लहराता
हर एक को हरसाता
कह सकता
विश्व भाग्य विधाता
हाँ, मै हिंदुस्थानी प्रहरी…
चीन हो या पाकिस्तान
डर किसी से नहीं लगता
ये तो हमारे संस्कार है
मानवता और विश्व शान्ति से
आज भी प्यार है
वरना कुछ मिनटों के
खेल के लिए
हिन्द की सेना तैयार है
दस चीनी के लिए
एक भारतीय काफी है
पाक की बात न करो
हो सके तो लात मारकर
टेढ़ा हुआ है
उसे सीधा करो
अपना ही दिया हिस्सा है
इस लिए
कुछ सजा दे
उसे माफ़ करो
फिर भी न माने तो
उसे दूर तक साफ़ करो
हाँ, मै हिंदुस्थानी प्रहरी….
कहना है, मुझे आज
दुश्मन अपनी
हरकतों से आये बाज
संयम को न समझे कमजोरी
एक एक बच्चा
यहां का
जन्मते ही
बन जाता
देश का प्रहरी
विभिन्नता में एकता
हिन्द की विशेषता
कठिन समय में
चारों दिशाओं से उठती
एक ही स्वर लहरी
हां, मै हिंदुस्थानी प्रहरी….रचियता * कमल भंसाली*