सनम मेरे,
कसमें है, वादे है, पर वफ़ा कहीं नजर नहीं आती
कैसा है, प्यार तुम्हारा,जिसमें इंतहा नजर नहीं आती
दिल मेरा तुमने हजारों, नयन उपहारों से सजा दिया
पर आस्था का कोई चमन, अब भी खिलने से रह गया
प्यार का फूल, आज तो मुस्करा रहा
बिन अहसासों के लहर लहरा भी रहा
पर,हकीकत की सख्त जमीन छूने पर
कम अवधि में मुरझाने का डर लग रहा
प्रेम का मंजर उपहारित हो, लगता सुनहरा
मधुरता लिप्त, आवरण प्रणय लगता प्यारा
छितरी सतही धूप में लगता तो है, तेरा, मेरा
पर, कल तुम्हारा दिल न ढुँढलें नया रैन बसेरा
शंकित जब प्यार हो, दिल नहीं करता है स्वीकार
प्यार करने वालो से अर्ज, करना सिर्फ, सच्चा प्यार
उपहार ही देना हो, तो दर्द आपस का बाँट लेना
कसम है तुम्हे, टूटी कसम का दर्द कभी न देना
वादों के संसार में प्यार का हनीमून मत मनाना
कसमों की कलियों को सिर्फ दिल में ही खिलाना
अपनी वफ़ा को कभी, यार की नजरों से न गिराना
इस जिंदगी के प्यार के अमृत को जन्मों तक पीना….कमल भंसाली