दोस्तों, आज देश काफी कुछ विषम परिस्थियों से गुजर रहा है, देश में कुछ ऐसा हो रहा है, जो कभी नहीं होना चाहिए। कभी कभी अपने आप से यह प्रश्न पूछने का मन करता है, क्या इतना कुछ देने वाले देश से हम दिल से प्यार करते है ? अगर हाँ कहे, तो फिर हम आपसी प्रेम में नफरत क्यों पाल रहे, शब्दों पर संयम क्यों नही रख रहे, किसी के गलत विचारों को ज्यादा महत्व क्यों दे रहे है। देश हमारा है, इसे सुरक्षित और शांत रखने वाले काम करे, क्या यह हमारा देश के प्रति कर्तव्य नहीं है ? देशप्रेमी वहीं है, जो देश को अशांति, असन्तोष, कलह और हिंसा से दूर रखे। इन सबके लिए जरुरी है, हमारे दिल में देश के प्रति प्यार और मौहब्बत सदा आत्मा में रहे, हम देश की निगाहे दुनिया में न झुकने दे।यह कविता एक छोटी सी मेरी कोशिश है, कवि नहीं हूं, गलती होनी स्वभाविक है, माफ़ करे। प्रार्थना है, हमारा प्रिय देश सदा शांत और खुशहाल रहे।
अंदाज जब मौहब्बत का बदल जाता
खताओं का सिलसिला शुरु हो जाता
गुलो जैसा उम्र भर का मासूम प्यार
अग्नि बन सब कुछ भस्म कर जाता
मौहब्बत का इतना सा ही है, फ़साना
मौहब्बत में ही जीना, उसी में मर जाना
जिसमे हो शंका, वो है, और कोई तराना
टुटा तार दिल का गाता दर्द भरे अफ़साना
हर बन्धन मौहब्बत का ही मोहताज होता
जिससे साँसों को प्यार का अहसास होता
सिर्फ खुदा की मौहब्बत में शुद्ध विश्वाश होता
मौहब्बत नहीं, तो कहां जिंदगी का सारांश होता
हर इंसान प्यार की इबादत का सुनहरा फल
प्यार और मौहब्बत से ही होता जीवन सफल
शंका और खताओं में न खो जाए आज और कल
कहते है ज्ञानी, जो है, आज, अभी, और यह पल
मौहब्बत करने वालों से करनी, इतनी ही आरजू
शब्दों का मूल्यांकन करना, सही जब हो तराजू
इजहार में प्यार हो, व्यवहार में, सही आंकलन
नफरत का एक शब्द, बदल देता हर कोई का ईमान
क्या सही, क्या गलत प्यार नहीं बनाता परिभाषा
मौहब्बत और प्रेम दोनों से जगती सुंदर सी आशा
देश में नफरत के जो बीज बो रहे, उन्हें हो निराशा
भारत के अस्तित्व में जग ने सदा शांति को तलाशा
रखनी है, अगर अपनी स्वतन्त्रता हमें सदा बरकार
समझना जरुरी,प्यार बढ़े,न की नफरत का आकार
★★जय हिन्द
☺☺ कमल भंसाली☺☺