बस, एक बार मुस्करा दो, जरा
तस्वीर में यही रंग होता, सुनहरा
न कुछ कहों, जरा
नयनो ने भरकर सवेरा
फिर, एक बार मुस्करा दो, जरा
खुशबूओं से सीखलो, प्रस्तरना
फूलों की तरह है , इठलाना
कलियो से ले लो,अल्हड़पन
आवाज दो, बुलाओं बचपन
साँसों में भर लो, सत्य हरा
बस, एक बार मुस्करा दो, जरा
पेशानी पर नहीं हो, परेशानी
कल की बात आज, कभी नहीं
छोटी सी ही होती, ये जिंदगानी
यहां कुछ नहीं होता तेरा, मेरा
जागो तो भोर, नहीं तो अँधेरा
बस, एक बार मुस्करा दो, जरा
जग है रंगमच, बाकी कलाकार
करना है, अभिनय सदा बहार
कभी करना इकरार, कभी इंकार
ये ही है , इन साँसों का व्यवहार
समझो, क्या जादू है , इनमे भरा
बस, एक बार मुस्करा दो, जरा
मुस्कराना ही है है, जीवन बन्धन
मृदु संयोजी बन कर ही है, जीना
खामोशी में रहे, अमृत स्पंदन
नयनों को कभी नहीं है, झुकाना
मुस्कराहट का वरदान, हो तुम्हारा
बस, एक बार मुस्करा दो, जरा……
कमल भंसाली
बहुत अच्छा
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