शिकवा करे मौहब्बत
जमाने से नाराजगी का
ये दस्तूर नही हो सकता
सच्चे प्यार करने वालों का
प्यार रूह में बस्ता
जिस्म तो रास्ता है
प्यार पाने का
प्यार को जज्बातों से न खेलना
ये वो खिलौना है
एक बार टूट गया
तो नाम न लेगा जुड़ने का
खेलने का फिर भी है शौक
खुद ही टूट कर देख
मातम सा दिल पर छा जायेगा
फिर इस जन्म में तो
प्यार नही कर पायेगा
बिना प्यार हैं इन्सान
क्या यकी है तू जी पायेगा
तेरा दिल बिना कब्र के
ही कहीं छिप कर खुद
ही दफन हो जाएगा
फिर भी प्यार को
बदनाम नही कर पायेगा
प्यार तो शबनम की बूंदों
कि तरह खुदा की इबादत
यकी रख तुझे जन्नत से
पहले धरती पर ही मिल जाएगा……
***कमल भंसाली