उड़ी उड़ी रे चुनरिया मेरी
भाई ने लाई, भाभी ने भिजवाई
राखी की पंहुच का संदेश लाई
भाई ने स्नेह रंग से रंगवाई
उड़ी उड़ी रे..
भैया मेरा मेरे हिवड़ा का हार
प्यारो लागै माने राखी कों त्यौहार
राखी मैने अपने हाथों से बनाई
बाबुल ने भेज दिया दूर देश
भैया भी रहते है परदेश
सुनी न रहे मेरे भाई की कलाई
उड़ी उड़ी रे….
राखी धागा बहन के विश्वास का
बंधन भाई बहन के प्रेम का
प्रार्थना है बहन की सुरक्षा का
शुभकामना है भाई की खुशहाली का
अनमोल है यह रिश्ता जीवन का
सब कुछ टूटे पर बहन भाई का साथ न छुटे
अनुरोध है भाई की कलाई में बंधी राखी का
उड़ी उड़ी रे…..